बिलासपुर

टावर लगाने अनुमति अनिवार्य नहीं- SC

बिलासपुर | समाचार डेस्क: बिजली के तार लगाने तथा उसके लिये टावर लगाने मालिक की पूर्व अुनमति अनिवार्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सीमेंट निर्माता संघ एवं पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये यह फैसला दिया है.

गौरतलब है कि सीमेंट निर्माताओं ने उनके चूना खदानों से बिना अनुमति लिये पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा ट्रासमिशन लाइन खींचने को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी तथा आर भानुमति की जबल बेंच ने इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत व्यवस्था दी है कि ट्रआंसमिशन लाइनों को बिजली पहुंचाने से रोका नहीं जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि विश्व-बैंक की साल 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 300 करोड़ घरों में बिजली नहीं पहुंची है. जब भी बिजली के टावर लगाने तथा बिजली की लाइन खींचने की बात आती है तो जमीन मालिक उसपर अड़ंगा लगा देते हैं.

सुप्रीम कोर्ट द्वार दिये गये व्यवस्था के तहत अब बिजली के विस्तार में खड़ी होनी वाली बाधा दूर हो गई है.

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