छत्तीसगढ़

कोल ब्लॉक का पैसे विकास में लगे

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ सरकार कोल ब्लॉक के नीलामी के पैसे को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा कृषि पर खर्च करें. कांग्रेस के नेता अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर यह सुझाव दिया है.

छत्तीसगढ़ सरकार को कोयला ब्लॉक की नीलामी के पहले चरण से लगभग 40,000 करोड़ का राजस्व मिलने की संभावना है. यह पैसा छत्तीसगढ़ सरकार के कुल सालाना बजट का लगभग 66% है. मैं मुख्यमंत्री/ वित्त मंत्री जी से विनती करता हूँ कि कृपया बिना सिर-पैर वाली योजनाएं बनाने में इन पैसों को बर्बाद न करें. इस सम्बन्ध में मेरे 3 सुझाव हैं:

1. इन पैसों को छत्तीसगढ़ के हर एक किसान के धान का एक-एक दाना खरीदने में लगाया जाए. आपका जो चुनावी वादा था, उसे पूरा करें. किसानों को Rs. 2100/- प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दें और पिछले साल का रुका हुआ Rs. 300/- का बोनस भी अविलम्ब बाँटे. साथ ही पर्याप्त भंडारण केन्द्रों का निर्माण करें ताकि किसानों के खून-पसीने से पैदा किया 70% धान जो हर साल सड़ जाता है, उसे रोका जा सके.

2. इस बजट से प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ केन्द्रों और शैक्षणिक केन्द्रों को सर्व-सुविधायुक्त बनाया जा सकता है. जो स्वास्थ एवं स्कूली शिक्षा का गत वर्ष का पूंजीगत व्यय (कुल बजट का) मात्र 1.3% और 3.4% था, उसे बढ़ाकर WHO और UNICEF द्वारा निर्धारित 7% तक लाएं और योजनाबद्ध तरीके से स्वास्थ एवं शिक्षा में स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करें. विशेषकर आदिवासी-बाहुल्य क्षेत्रों में, जहाँ सबसे ज्यादा कोयले की खदानें हैं. यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि वर्तमान में प्रदेश सरकार का शिक्षा का 99% बजट तो सिर्फ कर्मचारियों का वेतन देने में निकल जाता है.

3. इससे बढ़ी विडम्बना क्या हो सकती है कि खनिज-समृद्ध राज्य होने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ का 70% राजस्व आबकारी या शराब की बिक्री से आता है. सरकार क्यों नहीं राजस्व को बढ़ाने के नए उपायों पे काम करती है? उसे चाहिए कि पावर जनरेशन में निवेश कर वर्तमान 500 MW की सालाना उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर कम से कम 5000 MW करे. यह सरकार की सोच और दूरदृष्टि का दिवालियापन है कि पिछले दस सालों से हम 500 MW उत्पादन से आगे ही नहीं बढ़ पा रहे हैं.

सबसे मुख्य बात यह है कि जब आप कृषि बजट अलग से प्रस्तुत करते हैं और युवा बजट भी अलग से लाने की तैयारी कर रहें है, तो मैं आपसे यह निवेदन करता हूँ कि कोयला नीलामी से प्राप्त 40,000 करोड़ के इस अतिरिक्त राजस्व का दुरूपयोग न हो. इस पूँजी का उपयोग सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ की बुनियादी समस्यायों के समाधान और एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हो.

प्रदेश का बजट सत्र शुरू होने के पहले मैं मुख्यमंत्री जी से इस विषय में सरकार की ओर से श्वेत पत्र जारी करने की मांग करता हूँ.

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