छत्तीसगढ़

अगस्ता: याचिका पर SC ने उठाये सवाल

नई दिल्ली | संवाददाता: सुप्रीम कोर्ट ने अगस्ता पर दायर याचिका पर सवाल उठाये हैं. अगस्ता वेस्टलैंड खरीदी घोटाले पर स्वराज पार्टी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब 6 हफ्तों के बाद सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट पहले यह तय करेगा कि राजनीतिक पार्टी के लिये रजिस्ट्रेशन करने के बावजूद स्वराज अभियान की याचिका सुनवाई योग्य हैं या नहीं. कोर्ट ने कहा कि वो कैग की रिपोर्ट पर भी विचार करेगा. इस तरह से छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और झारखंड सरकारों के द्वारा हेलीकॉप्टर खरीदी में गड़बड़ियों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कराने का निर्देश देने की स्वराज अभियान की याचिका पर सुनवाई छह हफ्ते के लिये स्थगित हो गई है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट तय नहीं कर सकता कि एक सीएम हेलिकॉप्टर खरीद सकता है या नहीं. 2006 के बाद याचिका ने अलग-अलग मोड़ लिया है. हमें याद रखना चाहिये कि नीलामी की कोई संवैधानिक कीमत नहीं है. क्या विवाद बनाये रखने के लिये राजनीतिक पार्टी याचिका दाखिल करती हैं. कैग की रिपोर्ट इसमें मदद करेगी की क्या खरीददारी में कुछ अनैतिक था.

सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने स्वराज अभियान की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ये याचिका नहीं दायर की जा सकती. याचिका के पीछे निहित राजनैतिक स्वार्थ हैं. कैग और पीएसी पहले ही इस मामले को देख रही है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोई राजनीतिक दल जनहित याचिका कैसे दाखिल कर सकती है. उन्होंने ये भी पूछा कि जनहित याचिका दायर करने की समय सीमा क्या होनी चाहिये?

स्वराज अभियान का दावा है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2007 में अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर के भुगतान 30 प्रतिशत से अधिक कमीशन एक डीलर को दिया. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मामले में छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह पर बेटे की कंपनी के जरिये कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. आरोप है कि झारखंड ने जिस कीमत में खरीदा, उससे 65 लाख अधिक में यहां खरीद गया.

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