राष्ट्र

भाजपा में सांगठनिक संकट!

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: दस करोड़ सदस्य बना लेने का दावा करने के बाद भी भाजपा में 6 उपाध्यक्ष, 5 महासचिव तथा 1 सचिव का पद रिक्त है. अब पार्टी के अंदुरूनी हल्कों में इसे सांगठनिक संकट के रूप में देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि भाजपा के संविधान के अनुसार कोई पद 6 माह से ज्यादा रिक्त नहीं रह सकता है. दूसरी तरफ ऐसे कई नेता हैं जो पार्टी में बड़ा पद पाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव के बावजूद भारतीय जनता पार्टी में कई पार्टी पद अब तक रिक्त पड़े हैं.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पिछले वर्ष नवंबर में हुए मंत्रिमंडल में बदलाव के बावजूद अब तक पार्टी में कई अहम पदों पर पार्टी के नेताओं की नियुक्ति करने में असमर्थ रहे हैं.

भाजपा के एक सूत्र ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, “मंत्रिमंडल में बदलाव के पांच महीने बाद भी हमारी पार्टी में कइ पद खाली पड़े हुए हैं. इसके कारण पार्टी में गंभीर सांगठनिक संकट की स्थिति है.”

पार्टी के प्रवक्ता ने हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है कि वह कब और कैसे इन रिक्त पदों को भरते हैं.

पिछले वर्ष जुलाई में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह ने 11 उपाध्यक्ष, आठ महासचिव और 14 सचिव वाली अपनी टीम की घोषणा की थी.

चुने गए 11 उपाध्यक्षों में से चार पद से मुक्त हो गए. बंडारू दत्तात्रेय को श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री और मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक मामलों का राज्यमंत्री बना दिया गया.

रघुवर दास झारखंड के मुख्यमंत्री चुन लिए गए, जबकि किरन माहेश्वरी को राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार में जन स्वास्थ्य एवं जल संसाधन मंत्री के तौर पर शामिल कर लिया गया.

आठ महासचिवों में से तीन को मोदी सरकार में विभिन्न मंत्रालयों का प्रभार सौंप दिया गया. जे. पी. नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री, राजीव प्रताप रूडी को कौशल एवं उद्यमिता राज्यमंत्री तथा रामशंकर कठेरिया को मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री बना दिया गया.

पहले से रिक्त पदों को शामिल कर लिया जाए तो भाजपा में उपाध्यक्ष के छह, महासचिव के पांच और सचिव का एक पद अभी भी रिक्त है.

मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस समय 64 मंत्री हैं, जिसमें 26 केंद्रीय मंत्री, 13 राज्यमंत्री और 25 राज्यमंत्री शामिल हैं.

एक पार्टी अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि कुछ महीने पहले पार्टी अध्यक्ष ने मोदी से कुछ भाजपा नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी सौंपने का अनुरोध किया था. लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

पार्टी के संविधान के मुताबिक, पार्टी में कोई पद छह महीने से अधिक समय तक रिक्त नहीं रह सकता.

पर्टी अधिकारी ने बताया कि यदि पार्टी अध्यक्ष जल्द ही प्राथमिकता के तहत इन पदों को नहीं भरते तो यह समयसीमा जल्द ही खत्म हो जाएगी.

उन्होंने कहा कि चूंकि पार्टी के अधिकांश ‘सक्षम एवं अनुभवी’ नेताओं को मंत्रीपद का प्रभार सौंप दिया गया है, इसलिए पार्टी अध्यक्ष को इन रिक्त पदों को भरने में भारी कठिनाई हो रही है.

उन्होंने आगे कहा कि यही कारण है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक से सक्रिय रूप से जुड़े राम माधव को पार्टी का महासचिव नियुक्त कर दिया गया.

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