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भाजपा के ‘मिस्ड कॉल’ मेंबर मिसिंग

लखनऊ | एजेंसी: भाजपा के ‘मिस्ड कॉल’ मेंबर उत्तर प्रदेश में कोजे नहीं मिल रहें हैं. मोबाइल फोन सेट पर ‘मिस्ड कॉल’ के जरिए व्यापक सदस्यता अभियान चलाकर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनने का दंभ भर रही भाजपा इन दिनों मिस्ड कॉल वाले सदस्यों को ढूंढ़ने में लगी है. अभियान के दूसरे चरण में पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश उन सदस्यों को खोजते-खोजते पस्त पड़ने लगा है.

हर गली, मोहल्ले, बाजार, हाट, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन आदि पर कैम्प लगा मोबाइल फोन की मिस्ड कॉल के जरिए पार्टी के प्राथमिक सदस्य बनने वाले लोग कार्यकर्ताओं को ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ता लाख कोशिशों के बाद भी ऐसे सदस्यों का सत्यापन नहीं कर पा रहे हैं.

भाजपा का डिजिटल सदस्यता अभियान पिछले साल नवंबर में शुरू किया था. 31 मार्च तक अभियान का पहला चरण चला. इसके बाद इसे 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था.

भाजपा का दावा है कि पार्टी ने जहां पूरे देश में 10 करोड़ से अधिक सदस्य बनाए, वहीं उत्तर प्रदेश में भी 1.77 करोड़ से ज्यादा सदस्य बने. अभियान के प्रथम चरण में मिली कामयाबी से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता काफी जोश में थे. लेकिन दूसरे चरण में महांसपर्क अभियान ने उनका सारा जोश ठंडा कर दिया.

इस चरण में मिस्ड कॉल से बने सदस्यों का व्यक्तिगत विवरण जुटाना है. इसके लिए छुपे रुस्तम सदस्यों से सदस्यता फॉर्म भरवाना है.

वैसे तो पार्टी के पास मिस्ड कॉल सदस्यों की डिटेल, जैसे नाम, फोन नंबर और पते तो हैं, लेकिन दिक्कत यह आ रही है कि न तो ज्यादातर पते सही हैं और न ही मोबाइल स्विच ऑन मिल रहे हैं. यही नहीं, मिस्ड कॉल के आधार पर यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि कौन सा सदस्य किस जिले के किस शहर का है. ऐसे में उनसे संपर्क करना कठिन है.

समस्या यह है कि छुपे रुस्तम सदस्यों से कौन और कैसे संपर्क करेगा और वह सदस्य किस कार्यकर्ता के रिकार्ड में गिना जाएगा.

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने हाल ही में दावा किया है कि देश के मुसलमानों का नरेंद्र मोदी के प्रति विश्वास बढ़ा है और देश के 30 लाख मुसलमान मिस्ड कॉल कर भाजपा के सदस्य बन गए हैं.

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