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झारखंड के भरोसे बिहार में नक्सल अभियान

पटना: नक्सल समस्या से जूझ रहे बिहार के पास पुलिस अभियान के लिये अपना हेलिकॉप्टर तक नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा फैसला नहीं किये जाने के कारण राज्य में नक्सल विरोधी अभियान के लिए सुरक्षाबलों को पड़ोसी राज्य झारखंड से हेलीकॉप्टर लेना पड़ता है. विधानसभा में भाजपा सदस्य अवनीश कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सिक्युरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर योजना के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल विरोधी अभियान के लिए एक एमआई-17 या उसके समकक्ष हेलीकॉप्टर किराये पर लेने की सहमति दी थी,लेकिन उसकी शर्त और दिशा निर्देश के बारे में फैसला नहीं हुआ है.

केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया. इस कारण राज्य सरकार को नक्सल विरोधी अभियान के समय पड़ोसी राज्य झारखंड पर निर्भर होना पड़ता है. झारखंड अपने दो में से एक हेलिकॉप्टर राज्य को निःशुल्क देता है. अभी झारखंड के भरोसे ही नक्सल विरोधी अभियान चलाना संभव हो पा रहा है.

विजय चौधरी ने कहा कि बिहार पुलिस मुख्यालय ने 2011 में हेलीकॉप्टर किराये पर लेने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. जिस पर केंद्र ने फैसला नहीं किया है. सरकार इस बारे में फिर से केंद्र को पत्र लिख रही है. हेलीकॉप्टर मिलने के बाद यह गया जिले में रहेगा. उन्होंने कहा कि ओड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश की तरह बिहार को भी अलग से हेलीकॉप्टर की जरूरत है क्योंकि राज्य के 38 में से 15 जिलों में नक्सलियों का आतंक है.

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