पास-पड़ोस

विशेष राज्य का दर्जा चुनावी मुद्दा

पटना | समाचार डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव में विसेष राज्य का दर्जा मुख्य चुनावी मुद्दा बन सकता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीति है कि इस मुद्दे पर केन्द्र सरकार को घेरा जाये. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र सरकार के इनकार को अपने चुनावी एजेंडे में काफी ऊपर जगह देने का फैसला किया है.

जद-यू के नेताओं का कहना है कि यह मुद्दा निश्चित तौर पर गरमाएगा और इसकी मदद से भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को चुनाव में पछाड़ा जाएगा.

जद-यू की बिहार इकाई के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने बिहार के विकास के प्रति अपना दोहरा मानदंड और अपनी सरकार की बेरुखी का फिर से इजहार किया है. जद-यू इसे चुनावी मुद्दा बनाएगी.

पिछले महीने मुजफ्फरपुर में राजग की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली थी. उन्होंने नीतीश कुमार की मांग की अनदेखी करते हुए बिहार के विकास के लिए 50 हजार करोड़ का विशेष पैकेज देने का ऐलान किया था.

राजनैतिक विश्लेषक सरूर अहमद का मानना है कि भाजपा के लिए नीतीश कुमार की मांग का मुकाबला करना मुश्किल होगा. मोदी ने नीतीश कुमार के हाथ में एक और मुद्दा थमा दिया है. इसके पहले लालू यादव जाति आधारित जनगणना को सार्वजनिक करने की मांग कर मोदी सरकार को निशाने पर ले चुके हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना राज्य के 10.5 करोड़ लोगों का अधिकार है. जो भी लोग और राजनैतिक शक्तियां इस मांग की अनदेखी कर रही हैं उन्हें विधानसभा चुनाव में करारा जवाब मिलना चाहिए. यह इसके लिए एक अच्छा अवसर है. उन्होंने कहा कि अगर विशेष दर्जा नहीं मिला तो बिहार को विकास की औसत राष्ट्रीय दर तक पहुंचने के लिए अभी 25 साल और लगेंगे.

जद-यू नेता नीरज कुमार ने कहा कि राज्य के लिए विशेष पैकेज की बात तो मोदी ने लोकसभा चुनाव में की थी और यह आज तक नहीं मिला. इसमें भला नया क्या है.

जद-यू इस मुद्दे पर पटना और दिल्ली में कई रैलियां कर चुकी है. पार्टी एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंप चुकी है. पार्टी का कहना है कि मानव सूचकांक से लेकर प्रति व्यक्ति आय, निवेश, बिजली-सभी मामलों में बिहार बहुत पीछे है. रघुराम राजन कमेटी ने अपनी 2013 की रिपोर्ट में बिहार को देश के सबसे कम विकसित राज्यों में से एक बताया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!