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बिहार में ‘डीएनए राजनीति’

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: बिहार में डीएनए पर राजनीतिक चल रही है जिसमें नीतीश तथा मोदी आमने-सामने हैं. नीतीश कुमार ने जहां प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर अपने डीएनए पर पुनर्विचार करने को कहा है वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के बजाये एनडीए के नेताओँ ने मोर्चा संभाल रखा है. भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘डीएनए राजनीति’ पर आड़े हाथ लिया है. नीतीश ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक खुली चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने लिखा है, “प्रधानमंत्री महोदय कृपया मेरे डीएनए के बारे में की गई अपनी टिप्पणी पर पुनर्विचार कीजिए और इसे वापस ले लीजिए.”

नीतीश ने लिखा है कि मोदी का डीएनए वाला बयान बिहार के लोगों की एक बड़ी संख्या को अपमानजनक लगा है.

उन्होंने लिखा, “कुछ दिनों में आप फिर बिहार आने वाले हैं. मैं आपको उन सभी लोगों की ओर से यह पत्र लिख रहा हूं, जो आपकी इस टिप्पणी से आहत हुए हैं. यह आम विचार है कि आपके द्वारा की गई यह टिप्पणी आपके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है.”

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि ऐसे बयानों से इस धारणा को बल मिलता है कि आप और आपकी पार्टी बिहारवासियों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है.

नीतीश ने कहा है, “ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हम लोगों पर इस तरह की टिप्पणी की गई हो, इससे पहले भी आपके साथी और भाजपा नेता नितिन गडकरी जी ने कहा था कि जातिवाद बिहार के डीएनए में है. यह एक विडम्बना ही है कि पिछले ही साल इन्हीं बिहारवासियों ने आप पर विश्वास करते हुए आपकी अगुवाई में बहुमत की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया था.”

उन्होंने लिखा है, “मैं बिहार का बेटा हूं और मेरा डीएनए वही है, जो बिहार के बाकी लोगों का है. मैंने अपने 40 सालों के सार्वजनिक जीवन में लोगों की भलाई के लिए काम किया है.”

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, “आपके सचेत विवेक ने इन वक्तव्यों की गंभीरता को कैसे नहीं समझा?”

भाजपा ने इस पर नीतीश को आड़े हाथ लिया है. पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा था, लोकतंत्र के संदर्भ में कहा था. नीतीश कुमार को अपने निजी अहंकार को बिहार की अस्मिता से नहीं जोड़ना चाहिए.”

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान ने इसे एक राजनैतिक नाटक करार दिया.

पासवान ने कहा, “लोगों को डिनर पर बुलाना और ऐन टाइम पर डिनर कैंसिल कर देना बिहार के डीएनए का प्रतिबिंब नहीं है. बिहार के लोग नीतीश को चुनाव में सबक सिखाएंगे. ”

पासवान 2010 के उस डिनर की बात कर रहे थे जिसमें नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं को आना था लेकिन नीतीश ने इसे आखिरी मौके पर रद्द कर दिया था.

एक अन्य केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मोदी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है. उन्होंने कहा, “लोगों को धोखा देना नीतीश की आदत है. उन्होंने जार्ज फर्नाडिस को धोखा दिया, जीतनराम मांझी को दिया और कई अन्य लोगों को भी धोखा दिया.”

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