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भुल्लर की फांसी पर लगेगी रोक ?

नई दिल्ली | संवाददाता: आतंकवादी देवेन्दरपाल सिंह भुल्लर की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग पर गृहमंत्रालय विचार करेगा. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भुल्लर से संबंधित जो मांग की है, उस पर सरकार विचार कर रही है.

गौरतलब है कि भुल्लर ने 11 सितंबर, 1993 में हुए एक कार धमाका कर कांग्रेस के युवा नेता मनिंदरजीत सिंह बिट्टा को मारने की कोशिश की थी. इस धमाके में 9 लोग मारे गये थे. इसके बाद भुल्लर जर्मनी पहुंच गया जहां से 1995 में भुल्लर को भारत प्रत्यर्पित किया गया. 25 अगस्त, 2001 को निचली अदालत ने उसे दिल्ली कार धमाके का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई. इसके बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा को बरकरार रखा था.

इसके बाद उसने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर कहा था कि चूंकि राष्ट्रपति ने दया की अर्जी पर लंबे अरसे तक फैसला नहीं किया, इसलिए फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया जाए. मगर अदालत ने इस अनुरोध को नामंजूर कर दिया.

अब उसकी फांसी को लेकर शुरु हुई राजनीति के बीच गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि हम पंजाब के मुख्यमंत्री बादल की मांग पर विचार करेंगे. राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और शिन्दे से मिलकर भुल्लर की मौत की सजा रूकवाने का आग्रह किया है.

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