कलारचना

दिलो को जोड़ेगी ‘बजरंगी भाईजान’?

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: ‘बजरंगी भाईजान’ भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को सुधार सके या नहीं परन्तु दोनों के नागरिकों के दिलों को जरूर जोड़ती है. इस फिल्म की कहानी का मूलमंत्र प्यार है जिसे ठुकराना आसान नहीं है. अमन, एकता और भाईचारे का पैगाम देने वाली सलमान खान अभिनीत ‘बजरंगी भाईजान’ ने भारत और पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के तनावपूर्ण कूटनीतिक संबंधों में सुधार आने की उम्मीद जगाई है. दोनों देशों में फिल्म की कमाई साबित कर रही है कि बॉलीवुड फिल्मों में दमखम है.

इस माह की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने संबंधों में सौहार्द बहाली के क्रम में रूस के शहर ऊफा में मुलाकात की. लेकिन शीर्ष पाकिस्तानी राजनयिक द्वारा यह कहने कि भारत के साथ वार्ता प्रक्रिया कश्मीर मुद्दे के बिना नहीं होगी, वार्ता प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई.

फिल्म में घाटी के विहंगम दृश्यों और एक मुस्लिम किरदार द्वारा एक हिंदू आदमी से मजाकिया शैली में यह कहना कि ‘थोड़ा (कश्मीर) हमारे पास भी है’ और ज्यादा सांकेतिक दिखाई पड़ता है.

पाकिस्तान के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष फख्र-ए-आलम ने माना कि फिल्में हमारे इतिहास में व्याप्त कटुता को हमारे बच्चों के लिए सुखद भविष्य में तब्दील करने में एक अहम भूमिका निभा सकती है.

‘बजरंगी भाईजान’ को हरी झंडी देने पर ‘अपनी जान को खतरा’ बताने और ट्विटर पर अपने लिए ‘गद्दार’ शब्द सुनने वाले आलम ने कराची से एक ईमेल किया, “फिल्में लोगों को करीब लाने और एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने का एक बढ़िया तरीका है. यह प्रचार और जागरूकता लाने का एक बहुत कमाल का हथियार है. जिस तरह ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘पीके’ में किया गया, अगर उसी समझदारी से प्रयोग किया जाए, तो यह दुनियाभर के लोगों को जोड़ सकती है. एक-दूसरे के प्रति एक बेहतर समझ पैदा कर सकती है, सहिष्णुता बढ़ा सकती है, दिमाग खोल सकती है और दिलों को जोड़ सकती है.”

आलम ने पूर्व में अक्षय कुमार की फिल्म ‘बेबी’ पर पाकिस्तान में यह कहते हुए प्रतिबंध लगाया था कि यह भ्रामक प्रचार करने वाली फिल्म है, जो मूलत: यह कह रही है कि सब मुस्लिम आतंकवादी हैं और पाकिस्तान उन्हें पाल-पोस रहा है.

‘बजरंगी भाईजान’ में सलमान भगवान से डरने वाले सीधे-सादे पवन उर्फ बजरंगी नामक युवक की भूमिका में हैं. वह छह साल की पाकिस्तानी गूंगी बच्ची को उसके बिछुड़े मां-बाप तक पहुंचने का बीड़ा उठाता है. फिल्म ने न केवल सलमान की सादगी और दयालुपन ने, बल्कि मासूम मुन्नी की मासूमियत भरी मुस्कान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी के चुटीले संवादों और कबीर खान द्वारा भारत-पाक संबंधों जैसे संवेदनशील मुद्दे को दक्षता से पेश करने के तरीके से भी दर्शकों का दिल जीत लिया.

आगामी रोमांटिक पाकिस्तानी फिल्म ‘देख मगर प्यार से’ के निर्माता अली मुर्तजा ने कहा कि उन्होंने रिलीज के होने के चार दिन बाद खचाखच भरे सिनेमाघर में यह फिल्म देखी. उन्होंने इसे एक कमाल की और असाधारण कहानी बताया. उन्होंने निर्देशक की पारखी नजर की विशेष रूप से सराहना की.

Bajrangi Bhaijaan | Dialogue Promo

error: Content is protected !!