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रियो जीत सकते हैं

अश्विनी पोनप्पा ने कहा ज्वाला और मेरे पास रियो में पदक जीतने का अच्छा मौका है. भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा आश्वस्त हैं कि वह और उनकी महिला युगल जोड़ीदार ज्वाला गुट्टा के पास आगामी रियो ओलम्पिक खेल में पदक जीतने का अच्छा अवसर है.

वर्तमान में विश्व महिला रैंकिंग के महिला युगल वर्ग में ज्वाला और अश्विनी 14वें स्थान पर है.

राष्ट्रमंडल खेल 2010 में स्वर्ण पदक जीतने और 2011 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक तथा 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने पर दोनों खिलाड़ियों को काफी प्रशंसा मिली थी.

रियो ओलम्पिक में भारत के कुल सात बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. इससे पहले 2012 लंदन ओलम्पिक में पांच खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था.

रियो ओलम्पिक खेल का आयोजन ब्राजील में 5 अगस्त से 21 अगस्त तक होगा.

आश्विनी ने एक साक्षात्कार में कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास रियो में पदक जीतने का काफी अच्छा मौका है. हम दोनों ओलम्पिक के लिए काफी प्रशिक्षण और मेहनत कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हम खुद को इतनी बड़ी चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार कर सकें.”

बैडमिंटन खिलाड़ी ने कहा, “इसके लिए हमें खुद को सही स्तर पर लाने की जरूरत है और मुझे आशा है कि सभी चीजें सही जगह पर हों और हम पदक जीत कर देश को गौरवान्वित कर सकें.”

ओलम्पिक में ज्वाला-अश्विनी की जोड़ी दूसरी बार हिस्सा ले रही है. अश्विनी का मानना है कि इन खेलों का पिछला अनुभव उन्हें और भी बेहतर प्रदर्शन देने में मदद करेगा.

अश्विनी ने कहा, “मुझे लगता है कि ओलम्पिक खेल के अनुभव से आपको इन खेलों में दूसरी बार हिस्सा लेने में काफी मदद मिलती है. हम जानते हैं कि सभी चीजें कैसी होने वाली हैं.”

छह महाद्वीप के 34 स्थानों पर होने वाली ‘विंग्स फॉर लाइफ वर्ल्ड रन’ के भारतीय संस्करण में हिस्सा लेती आईं अश्विनी ने भारतीय दल में अच्छे बैडमिंटन खिलाड़ियों के शामिल होने पर खुशी जताई है.

बेंगलुरु में जन्मी अश्विनी ने कहा, “इससे निश्चित तौर पर रियो में अधिक से अधिक पदक जीतने के अवसर बढ़ेंगे. हमारे पास लंदन ओलम्पिक की तुलना में इस बार अधिक अवसर हैं.”

भारतीय महिला एकल वर्ग के दल में लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक हासिल करने वाली और विश्व की आठवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी सायना नेहवाल और विश्व की दसवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी पी.वी. सिंधू भी शामिल हैं.

एक ओर जहां सायना अपने तीसरे ओलम्पिक खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी, वहीं सिंधू का यह पहला ओलम्पिक है. अश्विनी का मानना है कि अपने अनुभव से सायना निश्चित तौर पर इन ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने के लिए अपना पूरा जोर लगाएंगी.

अश्विनी ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास अच्छे अवसर हैं. हमारे पास महिला एकल वर्ग में दो खिलाड़ी हैं जिनकी निगाह पदक पर है. आशा है कि सायना और सिंधू दोनों पदक हासिल करने में सक्षम होंगी.”

उन्होंने कहा कि केवल सायना ही नहीं, बल्कि सिंधू सहित कई अन्य खिलाड़ियों के पास भी पदक जीतने का अच्छा मौका है. वे भी अच्छा कर रहे हैं.

भारत के युगल टीम के नए कोच तान किम की अश्विनी ने प्रशंसा करते हुए कहा कि वह काफी लंबे समय से युगल वर्ग के विशेषज्ञ रहे हैं. वह अपने अनुभव के साथ युगल जोड़ियों की मदद कर रहे हैं. इतने अनुभवी व्यक्ति का टीम में होना लाभदायक होता है. उनके होने से ओलम्पिक के लिए तैयारी करना और भी आसान हो गया है.

ओलम्पिक खेलों में कड़ी प्रतिद्वंद्विता देने वाली महिला युगल जोड़ी के बारे में पूछे जाने पर अश्विनी ने कहा कि चीन और जापान कड़े प्रतिद्वंद्वी साबित हो सकते हैं. हालांकि, हर कोई अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश करेगा, लेकिन इनका सामना करना काफी मुश्किल होगा.

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