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‘संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी’

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: सरकार संसद में सभी ज्वलंत मद्दों पर नियमानुसार चर्चा के लिये तैयार है. सरकार ने मंशा भी साफ कर दी है कि जीटीएस विधेयक तथा रियल एस्टेट विधेयक उऩके लिये महत्वपूर्ण हैं. सरकार ने सोमवार को कहा कि वह जेएनयू विवाद, आरक्षण के लिए जारी जाट आंदोलन और एक दलित शोधछात्र की आत्महत्या के बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय में अशांति समेत अन्य तमाम ज्वलंत मुद्दों पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है.

संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी.

नायडू ने संवाददाताओं से कहा, “बहुत सारे राजनीतिक दल आरक्षण, जेएनयू और हैदराबाद जैसे मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं. हम लोग इसके लिए तैयार हैं.”

उन्होंने विपक्षी दलों से संसद को बगैर किसी बाधा के चलाने के लिए विपक्षी दलों से सहयोग का आग्रह किया. नायडू ने कहा कि सभी को मुद्दे उठाने का मौका मिलेगा, लेकिन चर्चा नियम के अनुसार होनी चाहिए और बहस बिना व्यवधान के होनी चाहिए.

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक एवं रियल एस्टेट विधेयक महत्वपूर्ण सुधार विधेयक हैं, जिन्हें बजट सत्र में पारित करने की जरूरत है.

सरकार संसद को बिना बाधा के चलाना चाहती है. इसके लिए वह विभिन्न दलों से लगातार संपर्क बनाए रखना चाहती है. जैसा कि देखा गया कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मिले थे.

नायडू ने बताया कि सभी दलों ने कहा है कि सदन की कार्यवाही सामान्य ढंग से चलनी चाहिए, ताकि विधेयक पारित हो सकें.

उन्होंने कहा कि छोटे दलों की शिकायत है कि बड़े दलों में टकराव होने पर उन्हें अपने मुद्दे उठाने का मौका नहीं मिलता.

नायडू ने कहा, “हम जेएनयू पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं. लोगों को यह जानकारी होनी चाहिए कि वास्तव में वहां क्या हुआ था.”

उन्होंने कहा कि इस सत्र में जीएसटी विधेयक सहित कुल 32 मुद्दों पर विचार किया जाना है.

राज्यसभा के विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस विधेयकों को अपना समर्थन उनकी योग्यता के आधार पर देगी. संसद को चलाना सरकार का काम है. विपक्ष को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पठानकोट हमला, जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय का मुद्दा उठाएगी.

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने सरकार पर लगातार देश का माहौल खराब करने का आरोप लगाया.

जेएनयू देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के बजाय वामपंथी छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी और उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलाए जाने को लेकर उबल रहा है.

जाट समुदाय शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग कर रहा है. इसके लिए हरियाणा में प्रदर्शन हो रहे हैं और हिंसा फैली हुई है.

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